हरियाणा: अब ग्रुप डी कर्मियों का होगा एक समान काडर, प्रोमोशन भी आसान होगी
हरियाणा मे अब ग्रुप डी कर्मियों का एक समान काडर होगा। जिससे उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरण करने में न तो कोई दिक्कत पेश आएगी और न ही प्रोमोशन में कोई बाधा। इसके लिए विधानसभा में एक संशोधन बिल पेश किया गया। जिसे सदन में मंजूरी दे दी गई।
इसके अलावा मनोहर लाल ने यह भी स्वीकार किया गया भर्ती के दौरान फादरलेस (पिता विहीन) आवेदक को ही 5 अतिरिक्त अंक का लाभ मिलेगा। पहले नोटिफिकेशन गलती से ‘अनाथ’ शब्द के साथ हो गया था। सीएम ने यह भी सुनिश्चित किया गया ये लाभ केवल हरियाणवियों को ही दिया जाएगा।
सीएम संशोधन बिल पर अपनी बात रख रहे थे, तभी विधायक रामकुमार (दादा) गौतम खड़े हुए। दादा गौतम ने कहा कि सीएम की भर्ती प्रक्रिया लाजवाब है। पूरी तरह पारदर्शी है और वे सीएम की ईमानदारी के कायल हैं। उधर, विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि 5 अतिरिक्त अंक का लाभ सिर्फपिता विहीन आवेदकों को ही नहीं, बल्कि माता विहीन आवेदकों को मिलना चाहिए। क्योंकि बच्चे के लिए माता-पिता दोनों की जिम्मेवारी एक समान है। इस पर फिलहाल सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।
सदन में ये बिल हुए पास
हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक 2020 : इस बिल को जब चर्चा के लिए रखा गया तो मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि बिल लाने का मुख्य उद्देश्य गत वर्ष पारदर्शी तरीके से भर्ती किये गए ग्रुप डी के 18218 कर्मचारियों को भर्ती किया गया था, उनको नियुक्ति पत्र जारी करने संबंधित विभागों को इस बिल के माध्यम से नियुक्त प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों से इस बात का विकल्प लिया गया था कि उनकी नियुक्ति किस विभाग में की जाए।
इसके अलावा मनोहर लाल ने यह भी स्वीकार किया गया भर्ती के दौरान फादरलेस (पिता विहीन) आवेदक को ही 5 अतिरिक्त अंक का लाभ मिलेगा। पहले नोटिफिकेशन गलती से ‘अनाथ’ शब्द के साथ हो गया था। सीएम ने यह भी सुनिश्चित किया गया ये लाभ केवल हरियाणवियों को ही दिया जाएगा।
सीएम संशोधन बिल पर अपनी बात रख रहे थे, तभी विधायक रामकुमार (दादा) गौतम खड़े हुए। दादा गौतम ने कहा कि सीएम की भर्ती प्रक्रिया लाजवाब है। पूरी तरह पारदर्शी है और वे सीएम की ईमानदारी के कायल हैं। उधर, विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि 5 अतिरिक्त अंक का लाभ सिर्फपिता विहीन आवेदकों को ही नहीं, बल्कि माता विहीन आवेदकों को मिलना चाहिए। क्योंकि बच्चे के लिए माता-पिता दोनों की जिम्मेवारी एक समान है। इस पर फिलहाल सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।
सदन में ये बिल हुए पास
हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक 2020 : इस बिल को जब चर्चा के लिए रखा गया तो मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि बिल लाने का मुख्य उद्देश्य गत वर्ष पारदर्शी तरीके से भर्ती किये गए ग्रुप डी के 18218 कर्मचारियों को भर्ती किया गया था, उनको नियुक्ति पत्र जारी करने संबंधित विभागों को इस बिल के माध्यम से नियुक्त प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों से इस बात का विकल्प लिया गया था कि उनकी नियुक्ति किस विभाग में की जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 3500 के विकल्प प्राप्त हुए, जिनमें से लगभग 700 को स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बिल लाने का मुख्य उद्देश्य ग्रुप डी कर्मचारियों का पूरा राज्य के एक समान कॉडर बनाने का है ताकि उनकी वरिष्ठता सूची तैयार करते समय कोई दिक्कत न आए।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रुप डी की भर्ती में बनाई गई नीति में सरकार ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए पांच अतिरिक्त अंकों का प्रावधान किया गया है, जिनके परिवार में अब तक कोई सरकारी सेवा में नहीं आया है या उसके पिता नहीं है। यह लाभ केवल हरियाणा अधिवासी उम्मीदवारों को ही दिया जाएगा बाकी राज्य के उम्मीदवारों को नहीं।
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय से निजी विश्वविद्यालय का दर्जा वापस होगा
हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक: बताया गया कि ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 के तहत स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2017 (समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान) के अधीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान घोषित करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। यदि किसी राजकीय निजी विश्वविद्यालय द्वारा एक समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान के रूप में चयन लिए सिफारिश की जाती है तो उसे संबंधित राज्य सरकार से एक उपक्रम प्रस्तुत करना होगा कि राज्य सरकार हरियाणा विधानसभा में इस निजी विश्वविद्यालय को समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान घोषित करने से पूर्व निजी विश्वविद्यालय का दर्जा छोड़ने के लिए उचित विधान लाएगी।
इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा उपक्त्रस्म पत्र दिया गया था कि राज्य विधानसभा में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 के तहत ओ.पी.जिन्दल ग्लोबल विश्वविद्यालय का निजी विश्वविद्यालय का दर्जा वापिस लेने हेतु उचित विधान लाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रुप डी की भर्ती में बनाई गई नीति में सरकार ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए पांच अतिरिक्त अंकों का प्रावधान किया गया है, जिनके परिवार में अब तक कोई सरकारी सेवा में नहीं आया है या उसके पिता नहीं है। यह लाभ केवल हरियाणा अधिवासी उम्मीदवारों को ही दिया जाएगा बाकी राज्य के उम्मीदवारों को नहीं।
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय से निजी विश्वविद्यालय का दर्जा वापस होगा
हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक: बताया गया कि ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 के तहत स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2017 (समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान) के अधीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान घोषित करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। यदि किसी राजकीय निजी विश्वविद्यालय द्वारा एक समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान के रूप में चयन लिए सिफारिश की जाती है तो उसे संबंधित राज्य सरकार से एक उपक्रम प्रस्तुत करना होगा कि राज्य सरकार हरियाणा विधानसभा में इस निजी विश्वविद्यालय को समवत विश्वविद्यालय श्रेष्ठ संस्थान घोषित करने से पूर्व निजी विश्वविद्यालय का दर्जा छोड़ने के लिए उचित विधान लाएगी।
इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा उपक्त्रस्म पत्र दिया गया था कि राज्य विधानसभा में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 के तहत ओ.पी.जिन्दल ग्लोबल विश्वविद्यालय का निजी विश्वविद्यालय का दर्जा वापिस लेने हेतु उचित विधान लाएगी।